Live-news: भारत क्या चाइना को आर्थिक युद्ध में हरा पाएगा।
भारत और चीन के बीच पिछले कुछ समय से लद्दाख सीमा पर तनातनी चल रही है। दोनों देश इस तनाव को मिटाने के लिए आपस में बातचीत कर रहे हैं।
लेकिन भारत के अंदर भी चाइना का विरोध शुरू हो चुका है अब भारत के लोग चाइनीज माल का बहिष्कार करने के लिए की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है ऐसे में अगर भारत में चाइना का के बने हुए माल का बहिष्कार होता है, तो चाइना को बहुत बड़ा नुकसान होने की उम्मीद है जबकि दूसरी तरफ से भारत की बहुत सी कंपनियों को फायदा मिलेगा जो और वे भारत में अपना व्यापार फिर से बड़ा सकेगी।
लेकिन क्या सच में भारत चाइना के बने हुए माल का पूरी तरह से बहिष्कार कर पाएगा।
आज हम देखें तो हम प्रतिदिन अपने जीवन में चाइना की बनी हुई बहुत सी वस्तुओं का उपयोग करते हैं भारत में प्रयोग होने वाले मोबाइल और मोबाइल ऐप में ज्यादातर चाइनीज है।
भारत में मनाए जाने वाले त्योहार जैसे दीपावली होली रक्षाबंधन आदि में भी चाइना का बना हुआ माल बहुत अधिक उपयोग किया जाता है। दीपावली में उपयोग करने वाली ज्यादातर लाइटिंग, पटाखे, मूर्तियां चाइना मैं तैयार की जाती है। वही होली में प्रयोग करने वाले रंग और रक्षाबंधन में रक्षासूत्र भी चाइना से आयात किए जाते हैं। इस तरह भारत की बाजार मे चाइना का बहुत बड़ा योगदान है।
चाइना के बने हुए माल का विरोध भारत में आज पहली बार नहीं किया जा रहा भारत में यह विरोध डोकलाम विवाद से चल रहा है। डोकलाम विवाद के बाद से भारत भारत में चाइना के बने हुए माल के बजाय भारत में बने हुए माल का उपयोग हो इसके लिए जोर दिया जा रहा है और अब यह लद्दाख विवाद के बाद यह विरोध और भी तेज हो चुका है।
यदि भारत इस मुहिम में कामयाब होता है तो यह चाइना की अर्थव्यवस्था को बहुत भारी नुकसान पहुंचाने का काम करेगा।
यह चाइना से एक तरह युद्ध जीतने के समान ही होगा।
इसके लिए भारत के लोगों की दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। और देश में ऐसे उत्पादन को बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि चाइना पर हमारी निर्भरता खत्म हो सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस आत्मनिर्भर कि भारत की बात कर रहे हैं उस दिशा में यह बहुत बड़ा कदम साबित होगा
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