World unite aganist China/ विश्व चीन के खिलाफ एकजुट

दुनिया के सभी बड़े देश कर रहे हैं चाइना का विरोध ।

कोरोना वायरस जिस के कारण दुनिया के सभी देश परेशान हैं। सभी देशों को लोक डाउन का सामना करना पड़ रहा है और लाखो लोगो की मौत हो चुकी है। इस वायरस की शुरुआत चाइना से हुई लेकिन चाइना ने इस वायरस को दुनिया से छुपाया जिससे अब सभी देश चीन के खिलाफ हो रहे है।

जापान ने चाइना से व्यपार संबंध खत्म करने की तरफ बड़ा कदम

जापान ने अपनी कंपनियों को चीन से या तो जापान या अन्य देश में अपना व्यापार शिफ्ट करने को कहा है। जापान ने चाइना से अपना कारोबार समेटने वाली अपनी कंपनियों के लिए आर्थिक पैकेज की भी घोषणा भी कर दी है।

ब्रिटेन ने किया चाइना का विरोध 

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी चाइना को विश्व विरादरी से अलग करने की सलाह दे चुके है। बोरिस जॉनसन  अभी कोरोना हराकर उभरे हैं। ये उन्होंने कोबरा इंटेलिजेंस यूनिट के सुझाव सुनने के बाद कहा। कोबरा इंटेलिजेंस यूनिट  के अनुसार ब्रिटेन को दोबारा से उसके और चाइना के रिश्तों के बारे में विचार करना चाहिए। कोबरा इंटेलिजेंस यूनिट का गठन ब्रिटेन ने  कोरोना वायरस के फैलने के कारणों का पता लगाने के लिए किया था।

अमेरिका लेगा चाइना से बदला

अमेरिका कोरोनावायरस को पहले ही चीनी वायरस बता चुका है और अपनी कंपनियों को चाइना से निकलने के संकेत दे चुका है। कोरोनावायरस के कारण सबसे ज्यादा नुकसान अमेरिका का हुआ है यहां 7 लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित है और 1.50 से अधिक लोगो की मौत हो चुकी है।अमेरिका के बड़े राजनेता और कांग्रेस सदस्यों ने भी चाइना के साथ व्यपार सम्बन्ध ख़त्म करने की बात कही है।

चाइना से भारत को खतरा

चाइना से भारत को भी खतरा है। चाइना ने बड़ा निवेश भारत के एचडीएफसी बैंक में कर दिया है। लेकिन भारत ने इसकी तैयारी कर रखी है।

भारत ने अब एफडीआई में नए नियम लागू किए है। जिसके अनुसार किसी भी देश को भारत की कंपनी में धन इन्वेस्ट करने के लिए भारत सरकार से इजाजत लेनी पड़ेगी। भारतीय कंपनियों पर चाइना के अधिग्रहण पर अंकुश लगाने के लिए एफडीआई पॉलिसी में बदलाव करने का फैसला लिया है।   इसी तरह का अधिग्रहण प्रतिबंध भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश पर भी लगा चुका है। विपक्ष ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
नए नियम के अनुसार अब चीन सहित कई देशों को भारत में निवेश करने के लिए मंजूरी लेनी पड़ेगी अब कोई भी विदेशी कंपनी सीधे भारत में पैसा नहीं लगा सकेगी।

इस बीमारी से निपटने के बाद सभी देश चीन के खिलाफ कोई बड़ी कार्यवाही करने का मन बना चुके है।


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