Live-news: भारत ने नेपाल और बांग्लादेश के खिलाफ उठाएं सख्त कदम।

Live-news: भारत ने नेपाल और बांग्लादेश के खिलाफ उठाएं सख्त कदम।


भारत ने अपने पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश को तगड़ा झटका दिया है। भारत ने इन देशों से 3 लाख टन से ज्यादा रीफाएड पाम ऑयल आयात की मंजूरी रद्द कर दी है। दक्षिण एशियाई आयात समझोते (साफ्ता) के तहत भारत बांग्लादेश को पाम ऑयल के आयात पर शुल्क नहीं देना पड़ता है।
लेकिन दक्षिणी एशियाई व्यापार समझौते की जरूरी शर्त के मुताबिक नेपाल और बांग्लादेश दोनों पाम ऑयल का उत्पादन नहीं करते हैं, जिसके कारण भारत को यह समझौता तोड़ने का सख्त कदम उठाना पड़ा।

नेपाल और बांग्लादेश से ऑयल, टायर, मसाले सहित कई वस्तुओं आयात करने पर शुल्क नहीं लेता है। जिसके कारण लेकिन यह सॉफ्ता के प्रावधानों का दुरुपयोग बताया जा रहा है। इसमें गड़बड़ी यह हो रही है कि कुछ आयातक और व्यापारी इन देशों के जरिए भारत में अपना माल भेजने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि मुक्त व्यापार समझौते के मुताबिक इन देशों को इन देशों को मिलने वाली आयात शुल्क में छूट का फायदा उठा सकें।
सॉफ्ट समझौते मैं शामिल देशों में दूसरे देशों से बहुत कम शुल्क या बिना शुल्क के आयात होता है। इन देशों से पामोलिन ऑयल आयात करने के लिए 39 लाइसेंस रद्द किए गए हैं। इनमें से ज्यादातर लाइसेंस पश्चिम बंगाल और बिहार के आयातकों के थे। लाइसेंस के जरिए ज्यादातर आयात नेपाल से होना था कुल 3 लाख टन पाम ऑयल में से 2.93 लाख टन का आयात नेपाल से और 12,000 टन पाम ऑयल का आयात बांग्लादेश से किया जाता था।

केंद्र सरकार रिफाइंड कुकिंग ऑयल के आयात को भी हतोत्साहित कर रही है। ताकि घरेलू रिफाइनरी की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर सके। जनवरी महीने में सरकार ने पाम ऑयल के आयात को प्रतिबंधित सूची में डाल दिया है। इसके बाद पाम ऑयल के आयात के लिए डीजीएफटी (director general of foreign trade) की अनुमति लेना अनिवार्य है। फरवरी माह से सरकार ने पाम ऑयल के आयात पर 44% शुल्क और रिफाइनरी तेल के आयात पर 54% शुल्क लगा दिया है।

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