राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वंसेवक लगे राहत कार्यों में।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वंसेवक लगे राहत कार्यों में।

कोरोना वायरस के खिलाफ पूरे देश में 21 दिन का लोक डाउन के बाद 19 दिन का लोकडाउन -2 और रहेगा। लेकिन इससे गरीबों की कमर टूट गई है प्रतिदिन कमाई कर खाने वाले दिहाड़ी मजदूरों के सामने खाने का संकट आ गया है। लेकिन इस मुसीबत की घड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके सहयोगी संगठनों ने लोगों के घरों में भोजन पहुंचाने का कार्य शुरू किया।

 अकेले दिल्ली में संघ और संघ के सभी संगठनों के द्वारा डेढ़ लाख लोगों के घर प्रतिदिन भोजन पहुंचाया जाता है। पूरे भारत में संघ के दो लाख से अधिक स्वयंसेवक इस राहत कार्य में लगे हैं। 10 हजार से अधिक स्थानों पर संघ के स्वयसेवकों के द्वारा राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। कहीं गरीबों को भोजन पहुंचा रहे हैं। कहीं राशन,दूध,दवाइयां पहुंचाए जा रही है।
संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने राम नवमी के अवसर पर संकेत कहा इस समय स्वयंसेवकों को समाज के लोगों के साथ मिलकर राहत कार्य करने करने चाहिए। समाज के लोग संघ के साथ मिलकर राहत कार्य करने के लिए तैयार बैठे हैं जहां पर आवश्यकता हो वहां पर सैनिटाइजर,भोजन, दूध,राशन पहुंचाना चाहिए।

आर एस एस की सेवा में ना हिंदू, ना मुसलमान

वैश्विक महामारी करोना के खिलाफ संघ के सबसे बड़े सेवाकार्य में संघ ने हि हिंदू, मुस्लिम का भेदभाव ना करते हुए मानव मात्र की सेवा ही संघ का लक्ष्य है सोच कर सब की सहायता की है। इस वैश्विक महामारी के समय संघ के संघ सेवकों ने धर्म, जाति, संप्रदाय के भेद को भुलाकर सभी जरूरतमंदों को राशन सामग्री पहुंचाई है।

इस वर्ष नहीं लगेंगे संघ के शिक्षण वर्ग

कोरोना वायरस की समस्या के कारण इस वर्ष देश में संघ के प्रशिक्षण वर्ग नहीं लगेंगे। इस वर्ष 100 से अधिक संघ के प्रशिक्षण वर्ग लगने वाले थे इनमें 20 हजार से अधिक स्वयंसेवक भाग लेने वाले थे। लेकिन संघ ने अपने सभी प्रशिक्षण वर्गों को निरस्त कर दिया है।

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