Live-news: क्या होगा अगर चाइना कि शक्तिशाली सेना कि सच्चाई।

Live-news: क्या होगा अगर चाइना कि शक्तिशाली सेना कि सच्चाई।


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यदि भारत और चाइना दोनों की सेनाओं की तुलना करें तो मैं ऐसा लगता है कि चाइना सेना बहुत बड़ी और मजबूत है। हमें ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि हमने हमेशा से ऐसा सुना है और किताबों में यहीं पड़ा है कि चाइना की बहुत शक्तिशाली और बड़ी है।
लेकिन वास्तव में सच्चाई कुछ और है।
 भारत की सेना में कुल 14 लाख सैनिक है जबकि चाइना की सेना में कुल सैनिक 10 लाख से भी कम है। चाइना ने 2015 के बाद अपनी सेना में काफी कमी की है।
 चाइना में 1979 से 2015 तक वन चाइल्ड पॉलिसी थी। यानी चाइना में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का एक ही संतान थी जिसके कारण आज चाइना की सेना में ऐसे सैनिकों की बहुत बड़ी संख्या है जो अपने मां-बाप की इकलौती संतान है और जिन्होंने अपना जीवन बहुत ही ऐसो आराम में बिता है।
 जिन्हें कष्ट झेलने की आदत बिल्कुल नहीं है इन सैनिकों के लिए युद्ध के समय भी अपनी प्राथमिकताएं अपना परिवार होगा।
 चाइना  की सेना में 10% सैनिक है जो फिजिकली फिट नहीं है वह बहुत मोटे हो चुके हैं जबकि भारत की सेना के सभी सैनिक फिजिकल रूप से बहुत फीट है।
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चाइना ने अपना अंतिम युद्ध 1979 में वियतनाम के खिलाफ लड़ा था। जिस युद्ध के बाद उसने अभी तक कोई युद्ध नहीं लड़ा। जिसके कारण उसकी सेना में जितने भी सैनिक है उनमें से किसी को भी युद्ध लड़ने का अभ्यास नहीं है, जबकि भारत ने ने अपना अंतिम लड़ाई 2000 में कारगिल में लड़ी थी इसलिए भारत को के सैनिकों को चाइना के सैनिकों की तुलना में युद्ध लड़ने का अधिक अभ्यास है।
भारत के सैनिक सैनिकों का पूरे साल भर पाकिस्तान से आए आंतकवादी, माओवादी, नक्सलवादी के खिलाफ संघर्ष रहता है। जिसके कारण भारत की सेना को संघर्षों में लड़ने का अधिक अभ्यास है।
भारत में रहने वाला हर बच्चा अपने देश की सेना को सपोर्ट करता है और उनका सम्मान करता है।
 जबकि चाइना में ऐसा नहीं है चाइना में सेना का मुख्य काम उसकी देश की जनता को दबाकर रखना है उनका दमन करना है। ताकि वह वहां की सरकार कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ कोई विरोध प्रदर्शन ना करें। किसी भी युद्ध को जीतने के लिए यह जरूरी होता है कि उस देश के नागरिक उस देश की सेना का मनोबल बढ़ाएं जो भारत के लिए एक सकारात्मक बिंदु है जबकि चाइना के लिए यही नकारात्मक बिंदु है।
चाइना के प्रत्येक व्यक्ति को 2 साल सेना में काम करना जरूरी है। यदि वह इस से मना करता है तो उसे सजा भी हो सकती है, इस लिए चाइना की सेना में काम करने वाला हर सैनिक अपने मन से सेना में अपनी सेवाएं नहीं देता। जबकि भारत के सैनिकों के सैनिकों के साथ ऐसा नहीं है।
चीन के ज्यादातर सैनिकों के साथ मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी होती है जिसके कारण यह सैनिक डिप्रेशन में चले जाते हैं।इसलिए चीन की प्रत्येक यूनिट के में काउंसलिंग होती है।
लेकिन हम देखते हैं कि चीन की सेना के वीडियो में चीन के सैनिक शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं उनमें जोश भरा हुआ है यह वीडियो ज्यादातर वहां के लोगों का दमन करने के लिए उनको डराने के लिए बनाए जाते हैं। वास्तव में इन में सच्चाई नहीं होती।
इसलिए अगर भविष्य में भारत और चाइना के बीच युद्ध होता है तो इसमें जीत भारत के सैनिकों की होगी यह यह बात चीन भी जानता है इसलिए वह भारत के साथ प्रोक्स रूप से युद्ध करने की बजाय पीछे से हमला करना ज्यादा पसंद करता है इसलिए वह भारत के खिलाफ पाकिस्तान और नेपाल को भड़काता रहता है ताकि भारत इन सब में उलझा रहे।


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