Live-news: क्या कोइराला ने भारत नेपाल विवाद में लिया चाइना का पक्ष।

 Live-news:नेपाल ने इसी महीने अपनी संसद में नेपाल का नया नक्शा जारी किया था। इस नक्शे के अंदर उसने कुछ भारतीय क्षेत्र  काला पानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा को शामिल किया था। अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने इस नए नक्शे पर पूरी तरह से नेपाल का समर्थन किया।
Manisha Koirala India Nepal

मई महीने में भारत लिपुलेख सीमा क्षेत्र पर सड़क निर्माण कर रहा था। इस पर नेपाल ने आपत्ति दर्ज की। भारत ने इस पर कहा कि वह सिर्फ अपने क्षेत्र में सड़क निर्माण कर रहा है। भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद को कूटनीतिक वार्ता के जरिए सुलझाना चाहेगा लेकिन इसके कुछ समय बाद ही नेपाल ने भारत के कुछ हिस्सों को अपने देश के नक्शे में दिखाएं।
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नेपाल के इस कदम के पीछे चाइना का हाथ बताया जा रहा था इस वक्त नेपाल की सरकार चाइना के द्वारा समर्थित है।

लेकिन इस विवाद के बाद अमित अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने नेपाल के इस कदम का समर्थन किया। 
मनीषा कोईराला ने ट्वीट करते हुआ लिखा की  क्षेत्रीय संप्रभुता+ राजनीतिक संप्रभुता+आर्थिक संप्रभुता= संप्रभु देश
इस बार एक टि्वटर यूजर ने पूछा कि आप क्या नेपाल की बात कर रही हैं।
इस पर मनीषा कोइराला ने कहा कि मैं बस सोच है कि भविष्य में नेपाल इन नेपाल इन मोर्चों पर कहां खड़ा होगा। हमें अतीत का पता है, मैं यह नहीं कह रही किस में कुछ अच्छा है या बुरा.. बस मेरे मन में यह ख्याल आया।
  पहले भी मनीषा कोइराला ने नेपाल के इस नए नक्शे पर खुशी जाहिर की थी। उन्होंने विदेश मंत्री को टैग करते हुए लिखा कि देश का गौरव बढ़ाने के लिए आपका शुक्रिया। मैं भविष्य में तीनों महान देश भारत, नेपाल, चाइना के बीच शांतिपूर्वक और सम्मानजनक बातचीत की उम्मीद करती हूं।
मनीषा कोइराला के इस पोस्ट पर भारत के पूर्व रक्षा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल ने एक लंबी चौड़ी पोस्ट लिखी और मनीषा कोइराला को सलाह दी कि वे भारत और नेपाल के बीच चाइना को ना लेकर आए।
मनीषा कोइराला बोलते हैं नेपाल की रहने वाली है लेकिन उन्होंने लंबे समय तक भारत की फिल्मों में अभिनय किया है आज उनका जो भी नाम है वह भारत के कारण है ऐसे में मनीषा कोइराला का भारत नेपाल विवाद में नेपाल और चाइना का पक्ष लेना एक बड़ा विवाद करने खड़ा करने वाला है।

मनीषा कोइराला शहर भूल चुकी है कि भारत ऐसा देश है जो किसी देश की जमीन पर कब्जा करना नहीं चाहता वह सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध स्थापित ही करना चाहता है उनको शायद यह भी याद नहीं रहा कि आज तक भारत ने पहले कभी किसी देश पर हमला नहीं किया और नेपाल के साथ हमेशा अच्छे संबंध स्थापित करने की कोशिश की है।

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