Live-news: दिल्ली हिसा के लिए उमर खालिद ने फंड जुटाया, और ताहिर हुसैन ने दंगा कराया।

Live-news: दिल्ली हिसा के लिए उमर खालिद ने फंड जुटाया, और ताहिर हुसैन ने दंगा कराया।


Live-news: पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को  कड़कडडूमा कोर्ट में चांदबाग दंगे पर चार्जशीट दाखिल कर दी। चार्जशीट में आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और पार्षद हाजी ताहिर हुसैन को दंगें का मास्टरमाइंड बताया है।
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मुस्तफबाद विधानसभा के चाँदबाग इलाक़े में 24 -25 फ़रवरी को हिंसा में कई लोगों की मौत हुई थी और चार्जशीट में इसे सोची समझी साज़िश बताया गया है। इसी दंगें में ख़ुफ़िया एजेन्सी आईबी के कर्मचारी की निर्मम हत्या कर दी गई थी, जिसका आरोप भी ताहिर हुसैन पर है। ताहिर हुसैन के घर और फ़ैक्ट्री से दंगों का संचालन हुआ था। ताहिर के घर और फ़ैक्ट्री से पेट्रोल बम, एसिड और पत्थर फैंके गए थे। और ताहिर की मौजूदगी में ये सब हुआ था और गोलियाँ चली थी। अब क्राइम ब्रांच की चार्जशीट ने भी दंगे में ताहिर हुसैन की भूमिका पर मोहर लगा कर उसे मुख्य साज़िशकर्ता बता दिया है।
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चार्जशीट में ताहिर हुसैन और उसके भाई शाह आलम समेत 15 लोगों को आरोपी बताया है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक़ इस दंगे की साज़िश क़रीब दो महीने पहले रचीं गयी।इस दंगे में जेएनयू स्कॉलर उमर ख़ालिद की भूमिका का भी ज़िक्र है। ताहिर हुसैन लगातार उमर ख़ालिद के सम्पर्क में था और  8 जनवरी  2020 को में शाहीन बाग  में ताहिर हुसैन की उमर ख़ालिद और ख़ालिद सैफ़ी(यूनाइटेड अगेन्स्ट हेट) से मुलाक़ात हुई।क्राइम ब्रांच ने दोनो के सीडीआर को खंगाला और दोनो की लोकेशन शाहीन बाग़ थी। इसके बाद ताहिर  ने पूछताछ में माना की उमर ख़ालिद ने उसे बोला की यूएस प्रेज़िडेंट डॉनल्ड ट्रम्प के इंडिया आने पर कुछ प्लान करो। और इसके लिए ज़रूरी पैसा पीएफ़आई मुहैया कराएगी। पैसे की पहली किस्त ख़ालिद सैफ़ी ने ताहिर हुसैन को दिया। ताहिर हुसैन ने ये भी माना कि जनवरी के दूसरे सप्ताह में उसने अपनी कंपनी से 1.10 करोड़ रुपए कुछ फ़र्ज़ी कंपनी में ट्रान्स्फ़र किए और उसे ये पैसा कैश में अलग अलग माध्यम से मिला। फिर अलग अलग रूट से वो पैसा निकाल कर दंगे और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरकिता रजिस्टर (एनआरसी) के ख़िलाफ़ प्रदर्शन की तैयारी करने लगा और प्रदर्शन करने वालों को पैसा भी उसने बाँटा।
 ताहिर हुसैन की दो कम्पनी के छह ट्रान्सेक्शन क्राइम ब्रांच को संदिग्ध लगे है। मीनू फ़ैब्रिकेशन और एसपी फ़ायनैन्शल सर्विस के अकाउंट में 7 जनवरी को 20 लाख, 10 जनवरी को 20 लाख और 12 लाख, 13 जनवरी को 10 लाख, और 14 जनवरी को 14 लाख  और 16 लाख का ट्रान्सेक्शन हुआ है। इन पैसों के ट्रान्सेक्शन के माध्यम  और चेन पर फ़िलहाल जाँच जारी है।

ताहिर हुसैन के घर से जो सीसीटीवी मिले वो 22 फ़रवरी से 28 फ़रवरी तक बंद पाए गए। यानि की जानबूझकर दंगे के दौरान सीसीटीवी बंद कर दिए गए। इसके अलावा 22 फ़रवरी को  ताहिर हुसैन ने अपनी पिस्टल खजूरी ख़ास थाने से ली और उसी दिन अपने लाइसेन्स पर उसने 100 कारतूस ख़रीदे। पुलिस ने दंगे के बाद ताहिर के लाइसेन्स से लिए 22 फूंके कारतूस भी बरामद किए, इन कारतूस को कहा इस्तेमाल किया गया इसका जवाब ताहिर के पास नहीं था। दंगे से ठीक पहले लाइसेन्स पिस्टल निकलवाना और फिर उसका इस्तेमाल करना ये भी ताहिर के ख़िलाफ़ एक बड़ा सबूत है। फ़िलहाल क्राइम ब्रांच इन सबकी सघन जाँच कर रही है।

याद दिला दें कि चाँदबाग़ दंगे में ताहिर हुसैन का नाम आने के बाद आम आदमी पार्टी ने ताहिर को निष्कासित कर दिया था, ताहिर मुस्तफ़ाबाद विधानसभा के नेहरु विहार वार्ड से पार्षद है। ताहिर हुसैन के खिलाफ इस चार्जशीट में उमर ख़ालिद का नाम ज़रूर है लेकिन फ़िलहाल उसे आरोपी नहीं बताया गया है।

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