Lock down ka Arthvyavsata par parbhav/लोक डॉउन का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

लोकडाउन के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को होगे भारी नुकसान।

भारत में अब 3 मई तक पूरे देश में लोकडाउन रहेगा। लोक डाउन के कारण भारत ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार पे काफी हद तक काबू कर लिया। जहां पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से सकर्मित मरीजों की संख्या 20 लाख से अधिक हो गई है और मरने वालो की संख्या 1 लाख से भी अधिक हो गई है। वहीं भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या केवल 12 हजार है और मरने वालो की संख्या केवल 400 के पास है।
लेकिन भारत एक विकासशील देश है जो बहुत लंबे समय तक लोकडाउन को सहन नहीं कर सकता है।

लोकडाउन से होगे देश के ये नुकसान।

 ब्रिटिश कंपनी  ब्राताले के अनुसार भारत को 3 हफ्ते के लोकडाउन के कारण 9 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है और 3 मई तक 18 लाख करोड रुपए का नुकसान होने  कि उम्मीद है।
 फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर इंडस्ट्री ने अदाजा लगाया है कि भारत की अर्थव्यवस्था लंबे समय तक लोक डाउन का सामना नहीं कर सकती। इसके अनुसार मार्च के अंत तक बेरोजगारी दर 29 प्रतिशत तक पहुंच चुकी।
 इसका सबसे ज्यादा असर पर्यटक सेक्टर पर पड़ेगा जिससे 2 करोड नोकरी जाने का अंदाजा है।
जबकि टेक्सटाइल व अन्य छोटे सेक्टर से 90 लाख नौकरी जाने का अंदाजा है। भारत के मजदूरों और कर्मचारियों में करीब 13 करोड की संख्या इस से प्रभावित होगी।

प्रधानमंत्री ने लिए कुछ फैसले

लोक डाउन से अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए प्रधानमत्री  मोदी ने जान भी और जाहान भी की बात कही। और देश से सात वचन मागे ताकि लोक डाउन को और आगे ना बढ़ना पड़े।
मोदी जी ने कहा अब देश के सभी कस्बों और जिलों का वारीकी से निरीक्षण किया जाएगा और जिन जिलों में कोरोना के हॉटस्पॉट होने की संभावनाएं नहीं है उन्हें 20 अप्रैल के बाद गतिविधियों के लिए सशर्त छूट दी जाएगी।

लेकिन इन सब के बाद भी देश की अर्थव्यवस्था को वापिस उभरने में काफी समय लग सकता है।


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